🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 *हाँ भगवान है..* *एक मेजर के नेतृत्व में 15 जवानों की एक टुकड़ी हिमालय के अपने रास्ते पर थी* *बेतहाशा ठण्ड में मेजर ने सोचा की अगर उन्हें यहाँ एक कप चाय मिल जाती तो आगे बढ़ने की ताकत आ जाती* *लेकिन रात का समय था आपस कोई बस्ती भी नहीं थी* *लगभग एक घंटे की चढ़ाई के पश्चात् उन्हें एक जर्जर चाय की दुकान दिखाई दी* *लेकिन अफ़सोस उस पर *ताला लगा था* *भूख और थकान की तीव्रता के चलते जवानों के आग्रह पर मेजर साहब दुकान का ताला तुड़वाने को राज़ी हो गया खैर ताला तोडा गया, तो अंदर उन्हें चाय बनाने का सभी सामान मिल गया* *जवानों ने चाय बनाई साथ वहां रखे बिस्किट आदि खाकर खुद को राहत दी थकान से उबरने के पश्चात् सभी आगे बढ़ने की तैयारी करने लगे लेकिन मेजर साहब को यूँ चोरो की तरह दुकान का ताला तोड़ने के कारण आत्मग्लानि हो रही थी* *उन्होंने अपने पर्स में से एक हज़ार का नोट निकाला और चीनी के डब्बे के नीचे दबाकर रख दिया तथा दुकान का शटर ठीक से बंद करवाकर आगे बढ़ गए* *तीन महीने की समाप्ति पर इस टुकड़ी के सभी 15 जवान सकुशल अप...
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