प्राणायाम यानी अपने अंदर की प्राण ऊर्जा को बढ़ाना। प्राण का अर्थ है शरीर के अंदर नाभि, दिल और दिमाग आदि में स्थित वायु जो सभी अंगों को चलित रखती है। आयाम के तीन अर्थ है पहला दिशा और दूसरा योगानुसार नियंत्रण या रोकना, तीसरा- विस्तार या लम्बायमान होना। प्राणों को ठीक-ठीक गति और आयाम दें, यही प्राणायाम है। इस सावधानी के साथ-साथ हमें नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास भी करना चाहिए। - प्राणायाम से हमारे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। - प्राणायाम के नियमित अभ्यास के कई धार्मिक लाभ बताए गए हैं। - प्राणायाम से कान्सन्ट्रेशन बढ़ता है। -प्राणायाम के माध्यम से ही हम अष्टांग योग की प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और अंत में समाधि की अवस्था तक पहुंचते हैं। - प्राणायाम से हमारे शरीर का संपूर्ण विकास होता है। फेफड़ों में अधिक मात्रा में शुद्ध हवा जाने से शरीर स्वस्थ रहता है। - प्राणायाम से हमारा मानसिक विकास भी होता है। प्राणायाम करते हुए हम मन को एकाग्र करते हैं। इससे हमारा मन नियंत्रित होता है। - प्राणायाम से सांस संबंधी रोग तथा अन्य बीमारियां दूर हो जाती हैं।
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