विश्व में बहुत से देश ऐसे हैं जहाँ प्रति व्यक्ति सालाना आय लाखों में है और वो भी हर हफ्ते में निश्चित घंटे काम करने के. भारत में प्रतिदिन काम करने के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित है लेकिन वो कंडीशन भी सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित है. आम आदमी या मजदूर वर्ग की हालत तो बहुत ही खराब है. उन्हें 16 से 18 घंटे तक काम करने के बाद भी मुश्किल से इतनी ही पगार मिलती है की घर-खर्च भी आसानी से ना चल पाए. बेल्जियम में हफ्ते में केवल 40 घंटे ही काम करना होता है लेकिन सैलरी 26 हज़ार प्रति हफ्ता से भी ज्यादा है. लग्जमबर्ग में भी हफ्ते में केवल 40 घंटे ही काम करना होता है लेकिन सैलरी 29 हज़ार प्रति हफ्ता के लगभग है. इसी तरह न्यूजीलैंड में भी हफ्ते में केवल 40 घंटे ही काम करना होता है लेकिन सैलरी 23 हज़ार प्रति हफ्ता से भी ज्यादा है. नीदरलैंड में हफ्ते में केवल 48 घंटे ही काम करना होता है लेकिन सैलरी 27 हज़ार प्रति हफ्ता है. आस्ट्रेलिया में काम के किये हफ्ते में केवल 38 घंटे ही निर्धारित किये गए है लेकिन सैलरी 27 हज़ार प्रति हफ्ता से भी ज्यादा है. जबकि आयरलैंड में हफ्ते में...
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