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दिसंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कौनसी चीज़ें इस बात का संकेत हैं कि आप अपना जीवन व्यर्थ कर रहे हैं?

कौनसी चीज़ें इस बात का संकेत हैं कि आप अपना जीवन व्यर्थ कर रहे हैं? अगर आप सुबह बहुत लेट उठ रहे हो , और रात को बहुत लेट सो रहे हो। अगर आप आपके दिन के सभी कार्य ठीक से नहीं कर रहे हो। अगर आप आपके सभी काम को पोस्टपोन कर रहे हो। अगर आप दिन भर सिर्फ मोबाइल में गेम्स खेल रहे हो ,या फिर ऐसे ही यूट्यूब को स्क्रॉल कर रहे हो। अगर आपकी व्हाट्सएप और इंस्टा स्टेटस हमेशा अपडेट कर रहे हो। अगर आप हर एक सेकंड में आपकी सेल्फी कीच रहे हो। अगर आप अपनी स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहे हो।🏋️🧘 अगर आप एक बार किसी काम में विफल होने पार उसे वैसे ही छोड़कर ,उम्मीद खोके बैठ रहे हो तो।😔 अगर आप अपने आप को दूसरों से तुलना करके , उदास हो रहे हो तो। अगर आप हर छोटी बात पे Over thinking कर रहे हो।🤔 अगर आप हमेशा किसी लड़ाइयों मे घुस रहे हो, जोकि सिर्फ टाइम वेस्ट है। अगर आप सोशल मीडिया पे हमेशा एक्टिव हो। अगर आप यह सोच कर बैठ रहे हो कि दुनिया में सभी लोग अच्छे है। नहीं बिल्कुल नहीं , दुनिया में सभी लोग इतने भी अच्छे नहीं होते है , समझिए थोड़ा। अगर आप अपनी माता पिता कि बात नहीं सुन रहे हो। अगर आप मेहनत नहीं कर रहे हो , अ...

अत्यंत लाभदायक "पैसा बनाने स्टार्टअप व्यवसाय विचार" 2021 के लिए प्रयास करने के लिये।

अत्यंत लाभदायक "पैसा बनाने स्टार्टअप व्यवसाय विचार" 2021 के लिए प्रयास करने के लिए 1. लेखाकार: 2. ई-कॉमर्स व्यवसाय: 3. टैक्सी बुकिंग सेवा और समाधान: 4. कार धोने का व्यवसाय: 5. कूरियर सेवा: 6. खाद्य आदेश प्रणाली: 7. वर्गीकृत विज्ञापन: 8. संपत्ति व्यवसाय: 9. वीडियो संपादन: 10. सेवा प्रदाता: 11. एक फ्रीलांसर के रूप में बिडिंग पोर्टल: 12. ऑनलाइन नियुक्ति प्रणाली: 13. चैटिंग ऐप: 14. वीडियो अपलोडिंग सिस्टम: 15. छवि साझाकरण समाधान: 16. नौकरी चाहने वाले के लिए नौकरी पोर्टल: 17. वफादारी पुरस्कार कार्यक्रम: 18. चैटबॉट समाधान: 19. खेल की दुनिया: 20. वैवाहिक व्यवसाय: 21. सोशल नेटवर्किंग: 22. वितरण सेवाएं: 23. हार्डवेयर इंटेलिजेंस: 24. पदोन्नति व्यवसाय: 25. बिक्री समाधान का बिंदु: 26. स्टॉक प्रबंधन प्रणाली: 27. इंटरनेट ऑफ़ थिंग (IoT): 28. भुगतान गेटवे प्रणाली: 29. कक्ष बुकिंग प्रणाली: 30. लाइव स्ट्रीमिंग समाधान: 31. कियोस्क सिस्टम: 32. कपड़े धोने का व्यवसाय: 33. टीम संदेश ऐप समाधान: 34. किराना व्यवसाय: 35. आईबैंक ऐप सॉल्यूशन: 36. आवाज बातचीत: 37. समूह प्रबंधन सॉफ्टवेयर: 38. नलसाजी व्यवसाय...

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध |

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध यह एक सर्वविदित तथ्य है कि बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति ऐसा होता है जैसे ऑक्सीजन बिना जीवन। इस दुनिया के सभी प्राणियों का एक ना एक विशिष्ट उद्देश्य होता है। हर मनुष्य का जीवन में सपना होता है कि वह कुछ बने और कुछ अलग करे। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर, कोई वैज्ञानिक। लक्ष्य प्राप्ति हेतु मनुष्य जीवन में कई चुनौतियों को पार करता है और परिश्रम, सूझ -बुझ के साथ अपने मंज़िल पर पहुँचता है। उद्देश्यहीन व्यक्ति का इस दुनिया में कोई मोल नहीं है और ना ही कोई इज़्ज़त। उद्देश्य का अर्थ है इरादा जिसको पाने के लिए कोशिश करना। हर मनुष्य की अपनी आकांक्षाएं होती है। मैं जब नौ साल की थी तभी से सोच लिया था कि मैं एक शिक्षिका बनूँगी। शिक्षिका बन कर समाज की बेहतर रूप से सेवा करुँगी। मैं अपने खाली वक़्त में अपने से छोटे बच्चो को पढ़ाया करती थी। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे आप अपना ज्ञान दूसरो तक पहुंचा सकते है। ज्ञान बाटने से बढ़ता है। मैं विज्ञान विषय संबंधित पढ़ाई करना चाहती हूँ। इसके लिए अच्छे कॉलेजों में प्रवेश पाने हेतु मैं कड़ी मेहनत कर रही हूँ। मेरा सपना है कि ...

क्या आप जानते हैं कि इस जीवन में आपका लक्ष्य क्या है? अगर हाँ, तो क्या?

क्या आप जानते हैं कि इस जीवन में आपका लक्ष्य क्या है? अगर हाँ, तो क्या? करीब 1967 के आसपास की बात है मेरी उम्र उस वक्त शायद सात बरस की रही होगी. बच्चों से भरपूर विशाल संयुक्त परिवार में हमारी हैसियत किसी कीड़े मकोड़े से ज्यादा नहीं थी यूँ जिंदगी बेफिक्र और खुशहाल थी मगर अभावों से भरपूर आषाढी एकादशी का दिन था. खजूर की सूखी हुई पत्तियों से बने हुए हाथ से झलने वाले नौ दस पंखे जमीन पर रखे हुए थे. हर पंखे के ऊपर एक दशहरी आम, एक छोटा खरबूजा, एक सेब एक केला और एक लीची का छोटा सा गुच्छा , साथ में मिठाई और एक छोटी सी मटकी रखी हुई थी. लेकिन अफसोस…यह सब हमारे लिए नहीं था, यह सब ब्राह्मणों को दान देने के लिए था. दूसरी तरफ करीब आठ दस ब्राह्मण काँसे की चमचमाती थालियों में गरमा गरम पूडियां , कचौड़ियाँ , आलू की तरी वाली सब्जी पर तैरती हरे धनिये की पत्तियाँ , सीताफल की सुनहरी सब्जी और खीर की दावत उड़ा रहे थे. और हम करीब पंद्रह बच्चे लालची मक्खियों की तरह उनके सर पर भिनभिना रहे थे. अपने ही घर में किसी दरिद्र की भाँति हमें बार-बार दुत्कार कर दूर खड़े रहने को कहा जा रहा था… दादी बच्चों को बार-बार डाँट रही...