आत्म शक्ति को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? क्या आत्मा की शक्ति को प्रबल कर के मनचाहे कार्य करवाए जा सकते हैं? सत्सङ्ग सागर जी ने आत्मशक्ति को मजबूत करने के उपाय के बारे में प्रश्न किया है और साथ ही यह भी पूछा है कि ' क्या आत्मशक्ति को प्रबल करके मनचाहे कार्य करवाए जा सकते हैं?' अद्भुत प्रश्न है। इस प्रश्न में प्राचीन ऋषियों-मुनियों की वरदान क्षमता, आकाशगमन, देवी-देवताओं से वार्तालाप और प्रकृति के नियम को भी बदल देने की क्षमता का रहस्य छिपा हुआ है। आत्मशक्ति का सीधा तात्पर्य आत्मबल से है। आत्मबल से क्या नहीं हो सकता, सभी कुछ सम्भव है। आत्मबल से मनचाहे कार्य करवा लेना या कर लेना तो मात्र एक अंश है, उसकी शक्ति का। यहां तक कि प्रकृति से विपरीत जाकर भी मनचाहे कार्य करवाए जा सकते हैं, जैसा ऋषि विश्वामित्र ने किया था; एक अलग ग्रह की सृष्टि ही कर डाली थी। आत्मबल और तपोबल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसी तपोबल से उपजे हुए आत्मबल के कारण, आज भी ब्राह्मणों की मर्यादा बनी हुई है। ब्राह्मणों के इसी तपोबल के कारण उन्हें ब्रह्मतेज की प्राप्ति होती थी, जिसके सामने सभी अस्त्र- श...
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