एक मुर्ख मनुष्य की पहचान कैसे की जा सकती है ?
1- अपने गूढ़ रहस्यों को दूसरों से कहने वाला और सोचना की सामने वाला इस बात को रहस्य रखेगा वह मूर्ख है।
2- नीच व्यक्ति से मित्रता करे और दूसरों के छिद्रान्वेषण में लगा रहने वाला व्यक्ति मूर्खों की श्रेणी में आता है।
3- दिन रात व्यसन के वश में होकर अपने शरीर की और आत्मा की महत्ता खो देने वाला मूर्ख है।
4- बलवान से वैर करना, शरीर पर घमंड करना, चिकित्सक और सत्ताधारी से अकारण वैर करने वाला मूर्ख है।
5- जहां बहुत से लोग बैठे हों वहां जाकर सोना , परदेश में अंजान व्यक्ति पर विश्वास करने वाला मूर्ख है।
6- बिना कारण हंसे, आत्म स्तुति से खुश हो जाए, बहुत से लोगों को शत्रु बनाने वाला मूर्ख है।
7- वृद्धों को उपदेश दे, अपमानित करने वाले के पास बार बार जाए, बिना मांगे सलाह देने वाला मूर्ख माना जाता है।
8- विषयों के सेवन करने वाला, मर्यादा से बाहर जाकर आचरण करने वाला , रोगी होकर आहार का पालन ना करने वाला मूर्ख है।
9- छोटे अपराध पर तुरंत दंड देना, मामूली बात पर प्रसन्न होना , अपशब्दों का प्रयोग करना मूर्ख कहलाता है।
10- जानते हुए भी दुष्ट से मित्रता, पर स्त्री के साथ एकांत वास, रास्ते में चलते हुए खाने वाला मूर्ख कहलाता है।
11- किसी के किए गए उपकार को ना मानने वाला, सदैव अधीर रहने वाला, स्वच्छता से रहित व्यक्ति को मूर्ख ही समझिए।
12- सांसारिक सुखों को सर्वोच्च मानकर ईश्वर को भूल जाना, गर्व से भरकर ईश्वर की सत्ता को चुनौती देने वाला मूर्ख है।
13- अपने शुभचिंतकों को कटुवचन बोले और बाहरी लोगों को सम्मान देने वाला महामूर्ख होता है।
14- ऋण लेकर दिखावा करने वाला मूर्ख है।
भोजन का एकमात्र उद्देश्य भुख मिटाना ही नहीं है उसका मुख्य उद्देशआरोग एवं स्वास्थ्य ही हैं जिस भोजन में भूख को तो मिटा दिया किंतु स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाला वह भोजन उपयुक्त भोजन नहीं माना जाएगा उपयुक्त भोजन वही है जिससे स्वास्थ्य की वृद्धि हो विटामिनों की दृष्टि हरे शाक तथा फल आदी ही स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है इसके अतिरिक्त नमक आवश्यक तत्व भी फलो तथा शाको मे पाया जाता है अनाज के छिलकों में भी यह तत्व वर्तमान रहता है किंतु अझानवश मनुष्य अनाजों को पीसकर यह तत्व नष्ट कर देते हैं कहना न होगा कि प्रकृति किस रूप में फलों और अनाजों को पैदा और पकाया करती है उसी रूप में ही वे मनुष्य के वास्तविक आहार है।
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