यह बहुत ही पेचीदा मामला है। इस पर हर इंसान की सोच अलग अलग है।
जहाँ तक मेरी सोच की बात है। तो मैं व्यवसाय ही करना चाहूंगा।
एक कहानी बताता हूं, आप खुद अनुमान लगाइये की सही क्या है
(इस कहानी को किसी ने पहले से कोरा पर लिखा हुआ है। दुबारा यह कहानी लिखने से पहले लेखक का नाम ढूंढ रहा था क्रेडिट देने के लिए, लेकिन मैं ढूंढ नही पाया। किसी को भी लेखक का नाम पता चले तो प्लीज कॉमेंट में लिखें।)
हम सफलता की किस उचाई पर है यह आज हमारी सोच और मेहनत पर निर्भर करता है.
जहां आज कई लोग बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर अच्छी नौकरी कर रहे है. तो वहीं कई लोगों ने अपना बिज़नेस शुरू कर दिया है, चाहे वो छोटा हो या बड़ा. नौकरी करने वाले और बिज़नेस करने वाले दोनों की ही सोच काफी अलग होती है.
कई लोग सोचते है बिज़नेस करने से अच्छा है कोई सिक्योर जॉब हो. जहा कोई ज्यादा रिस्क ना हो. तो वही कुछ लोगों का सोचना है कि, बिज़नेस जॉब से कई गुना बेहतर है.
दुसरो की खरी खोटी सुनने से बेहतर है, हम ही मालिक. देखा जाए तो दोनों में से कोई भी गलत नहीं है. बस लोगों का अपना-अपना देखने का नजरिया है.
एक समोसा बेचने वाले की कहानी… जिसने अपनी कहानी के जरिये यह बताया कि, कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. या यह कह सकते है कि किसी छोटे काम को समय के साथ बड़ा कैसे बनाते है.
दिल्ली में एक समोसा विक्रेता है. उनकी दुकान एक एमएनसी कंपनी के सामने है. उसके समोसे काफी स्वादिष्ट है. कंपनी के कई लोग वहां दोपहर का खाना खाने भी आते है.
एक दिन कंपनी का मैनेजर समोसे बेचने वाले के पास आया. समोसा खाते-खाते उसने दुकानदार से पूछा-
“आपने दुकान को अच्छी तरह मेन्टेन किया है और साथ ही आपकी मैनेजमेंट स्किल्स भी अच्छी है. क्या आपको नहीं लगता कि आप सिर्फ समोसे बेचकर अपनी प्रतिभा और समय बर्बाद कर रहे हैं? सोचिए, यदि आप किसी बड़ी कंपनी में मेरी तरह काम कर रहे होते, तो आप भी मेरी तरह एक मैनेजर होते.”
मैनेजर के इस सवाल का समोसा वाले ने मुस्कुराते हुए बड़े ही नम्रता जवाब दिया. समोसा वाले ने कहा,
“सर, मुझे लगता है कि मेरा काम आपके काम से बेहतर है. जानते है क्यों? १० साल पहले मैं समोसे को टोकरी में बेचता था. उसी समय आपको यह नौकरी मिली. उस समय मैं महीने के १००० रुपये कमा रहा था और आपकी सैलरी थी १००००.”
“इन १० सालों में हम दोनों ने बहुत तरक्की की. मैं अब इस दुकान और अन्य दो दुकान का मालिक हूं. आज में इस एरिया में एक प्रसिद्ध ‘समोसा-वाला’ बन गया और आप आज मैनेजर बन गए है.
“आज इस बड़े कंपनी में काम कर के आप १ लाख रुपए महीना कमा रहे है. मैं भी अपने इस समोसे के छोटे से दुकान से उतना ही कमाता हूं. तो अब मैं यह आराम से कह सकता हूं की मेरा काम आपसे बेहतर है.”
आगे समोसा वाले ने कहा,
“मैं समझाता हूं कैसे मैंने अपने करियर की शुरुआत जीरो से की थी. लेकिन मेरे बेटे को वही सब वापस से नहीं झेलना होगा. एक दिन मेरा बेटा मेरे कारोबार को आगे बढ़ाएगा. उसे वापस जीरो से शुरू करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी.”
“उसे पूरी तरह चलता हुआ अच्छा खासा बिज़नेस करने को मिलेगा. लेकिन आपके मामले में आपकी इस मेहनत का फायदा आपके बॉस के बच्चों को मिलेगा ना कि आपके बच्चों को.”
“आप अपने बेटे या बेटी को अपनी वही पोस्ट नहीं दिला सकते. उन्हें वापस से जीरो से ही शुरू करना होगा. १० साल पहले आपने जो कुछ भी झेला है, वहीं सब अब आपके बच्चों को भी झेलना होगा.”
आखिर में समोसे वाले ने मैनेजर से इतना कहा की, “अब मेरा बेटा इस बिज़नेस को बहुत आगे तक लेकर जायेगा. जब तक आपके बच्चे बड़े होकर मैनेजर बनेंगे, मेरा बेटा कही दूर आगे निकल गया होगा.”
“अब आप ही मुझे बताइए कि, टैलेंट और टाइम को कौन बर्बाद कर रहा है?”
नफा नुकसान
नोकरी और बिज़नेस के अपने अपने फायदे और नुकसान दोनो है।
बिज़नेस में आपको 24 घंटे एक्टिव रहना पड़ेगा जबकि नोकरी में केवल ऑफिस टाइम तक ही एक्टिव रहना होता है।
बिज़नेस में आपके कमाई की कोई लिमिट नही है। जबकि नोकरी में आपको पता होता है कि महीने के लास्ट में कितना मिलेगा।
बिज़नेस में आपको अपना लोकेशन शिफ्ट करने में बहुत परेसानी होगी जबकि नोकरी में आप यहां छोड़कर कहीं दूसरे शहर में आसानी से शिफ्ट कर सकते हो।
बिज़नेस वाला लोगो को काम पर रखता है जबकि नोकरी वाला अपने लिए काम मांगता है।
बिज़नेस में आपका नुकसान भी हो सकता है जबकि नोकरी में आपको नुकसान के चांस नही है।
और भी बहुत से फायदा और नुकसान है। दोनों का अपना ही महत्व है। जो भी करे सच्चे मन से करे|
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