शरीर आत्मा का वाहन मात्र है इससे निरोग और प्रसन्न रखने के लिए जितनी अनिवार आवश्यकताये है उतने में ही संतुष्ट हो जाए भौतिक संप्रदाय बढ़ाने की अपेक्षा आत्मिक सद्गुणों की संप्रदाय बढ़ाना उचित बुद्धिमत्ता पूर्व है प्रलोभनों में मन को बहुत आकर्षण रहा तो सारा मनोबल शरीर बल और समय उसी दिशा में लगा रहेगा और आत्मिक प्रगति के तीनों ही साधन बहुत कम मात्रा में बचेंगे फलस्वरुप सफलता भी थोड़ी सी ही मिलेगी
शारीरिक रक्षा और पारिवारिक व्यवस्था के लिए उचित मनोयोग लगाना व्यवस्थित करना इन करतूतों को अपेक्षा करने के लिए कोई नहीं कहता अलौकिक कर्तव्यों का उचित सीमा में पालन करना साधना का ही एक भाग है शरीर और परिवार भी हमारे उनके संबंधी उनकी अपेक्षा क्योंकि जाए ऐसी उपेक्षा से जीवन स्वभाविक और समान क्रम अस्वस्थ होते हैं शील मानव के लिए उचित नहीं कहा जा सकता हमें अपने शारीरिक मानसिक पारिवारिक समाजिक सभी कर्तव्यों को उचित रीति से पूर्ण करने चाहिए पर इसमें इतना अधिक लोभ और मोह ना हो आत्मिक कर्तव्यों कीओर उपेक्षा की जाने लगे और अनिछा उत्पन्न हो जाए।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं: 1. *ध्यान और योग*: ध्यान और योग एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। नियमित ध्यान और योग अभ्यास से मन को शांत और एकाग्र किया जा सकता है। 2. *नियमित व्यायाम*: नियमित व्यायाम एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकता है। व्यायाम से शरीर और मन दोनों को ऊर्जा मिलती है। 3. *पर्याप्त नींद*: पर्याप्त नींद लेना एकाग्रता के लिए बहुत जरूरी है। नींद की कमी से एकाग्रता में कमी आ सकती है। 4. *स्वस्थ आहार*: स्वस्थ आहार एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकता है। एक संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हों, एकाग्रता के लिए फायदेमंद हो सकता है। 5. *एकाग्रता बढ़ाने वाले खेल*: एकाग्रता बढ़ाने वाले खेल जैसे कि पहेली, सुडोकू, और शतरंज एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। 6. *नियमित ब्रेक*: नियमित ब्रेक लेना एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकता है। लंबे समय तक एक ही काम करने से एकाग्रता में कमी आ सकती है। 7. *एकाग्रता बढ़ाने वाले ऐप्स*: एकाग्रता बढ़ाने वाले ऐप्स जैसे कि फोकस@विल और ब्रेनएचक्यू एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। 8. *मन को शांत रखना*: मन...

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