खुद को कैसे जाने और सफलता प्राप्त करें
दोस्तों हम हमारी ज़िन्दगी में दुसरो की बातों ओर दुसरों से सीखने ओर देखने में लगा देते है….साथ ही खुद को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास पर प्रयास करते रहते है पर बहुत सी बार हमे सफलता नहीं मिल पाती है और हम निराशा की ओर आगे बढ़ते जाते है…
ऐसी परिस्थिति में हमे अपने लोगो की सफलता भी काटने को दोड़ती है….हम हर बार दुसरों को देखकर खुद का आंकलन करने लगते है और उनसें अपने आप को जोड़ने लगते है ओर तुरन्त ही अपने आप को कम समझने लगते है…
मैंने कई बार देखा है कि कोई भी व्यक्ति अगर सफलता की सीडी चढ़ता है तो उसकी सफलता से कोई भी खुश नहीं होता ओर ऊपर –ऊपर से उसकी तारीफ करते है पर मन में वे खुद को उससे कमपेयर करते है….
और सबसे सच्ची ओर कड़वी बात की जो लोग आपके अपने होंगे वही आपसे जलन का भाव रखेंगे क्योंकि दुसरों को तो आपसे कोई मतलब नहीं है चाहे आप आगे बढ़े या ना बढ़े…
दोस्तों इन सब बातों को बताने का सबसे बड़ा कारण यह है कि आप अपने आप को जाने ना कि दुसरों को अपने आप से कमपेयर करे….इस संसार में जो भी लोग है वे एक दुसरे से अलग है कोई भी समान नहीं होता तो फिर क्या है मस्त रहो…
साथ ही खुद को समझना शुरू करो,कि आपको क्या पसंद है ,आप क्या चाहते हो,सच में आपकी इच्छा क्या है…..दुनियां कर रही है वही आप करे ऐसा कोई जरूरी नहीं है….
अभी भी लोग एक ही होड़ में लगे हुए है लोग जो देखते है,सुनते है उसी के दिवाने हो जाते है….जैसे किसी को अपनी जीविका चलाने के लिए अगर अपनी ज़िन्दगी में कुछ चुनना है तो लोग वहीं चुनते है जो लोग चुनते है…जैसे किसी भी प्रोफेशन को गिन लो चाहे वो डॉक्टर बनना क्यों ना हो…
ऐसी परिस्थिति में हमे अपने लोगो की सफलता भी काटने को दोड़ती है….हम हर बार दुसरों को देखकर खुद का आंकलन करने लगते है और उनसें अपने आप को जोड़ने लगते है ओर तुरन्त ही अपने आप को कम समझने लगते है…
मैंने कई बार देखा है कि कोई भी व्यक्ति अगर सफलता की सीडी चढ़ता है तो उसकी सफलता से कोई भी खुश नहीं होता ओर ऊपर –ऊपर से उसकी तारीफ करते है पर मन में वे खुद को उससे कमपेयर करते है….
और सबसे सच्ची ओर कड़वी बात की जो लोग आपके अपने होंगे वही आपसे जलन का भाव रखेंगे क्योंकि दुसरों को तो आपसे कोई मतलब नहीं है चाहे आप आगे बढ़े या ना बढ़े…
दोस्तों इन सब बातों को बताने का सबसे बड़ा कारण यह है कि आप अपने आप को जाने ना कि दुसरों को अपने आप से कमपेयर करे….इस संसार में जो भी लोग है वे एक दुसरे से अलग है कोई भी समान नहीं होता तो फिर क्या है मस्त रहो…
साथ ही खुद को समझना शुरू करो,कि आपको क्या पसंद है ,आप क्या चाहते हो,सच में आपकी इच्छा क्या है…..दुनियां कर रही है वही आप करे ऐसा कोई जरूरी नहीं है….
अभी भी लोग एक ही होड़ में लगे हुए है लोग जो देखते है,सुनते है उसी के दिवाने हो जाते है….जैसे किसी को अपनी जीविका चलाने के लिए अगर अपनी ज़िन्दगी में कुछ चुनना है तो लोग वहीं चुनते है जो लोग चुनते है…जैसे किसी भी प्रोफेशन को गिन लो चाहे वो डॉक्टर बनना क्यों ना हो…
माता-पिता,रिलेटिव सब जब डॉक्टर को अच्छी फीस वसुलते देखते है और डॉक्टर को कमाई करते देखते है तो तुरन्त सोचते है कि मेरा बच्चा भी डॉक्टर बनके पैसा कमाए और लोगो को ज्यादा से ज्यादा लुटे….बहुत सी बार लोगो को ऐसा लगता है कि जो प्रोफेशन उन्होंने चुना है उसकी लोग बहुत इज्जत करते है तो वह सही है पर ऐसा नहीं होता…हर कोई हर एक काम के लिए बना होता है….
और हर काम अपने आप में बहुत ही ज्यादा महत्वपुर्ण होता है….असल में लोग कुछ प्रोफेशन के अलावा दुसरे प्रोफेशन को नहीं जान पाते है….बाकी दुसरे भी कई ऐसे काम होते है जिसके सामने एक डॉक्टर कि कोई औकात नहीं है…वो भी उनके सामने झुकता है…साथ ही वे ये नहीं देखते कि वो जो फीस वसुल रहा है उसमें उसकी कितनी काबिलियत है ओर उसने कितनी मेहनत की है उसे पाने में….और ये सवाल जरूर अपने ज़हन में रखे की क्या आपका बच्चा उसके लिए काबिल है या नहीं…
दोस्तों मेरी इतनी सारी बातों को कहने का मकसद यहीं है कि कैसे भी करके खुद को तवज्जो दे….खुद को कभी भी दुसरों से कमपेयर करने की कोशिश ना करे…ना हीं दुसरों की सक्सेज से दुखी रहे…जो सक्सेस हो रहे हो उन्हे और ज्यादा मोटिवेट करे….साथ ही खुद से अपनी योग्यता जाने ओर उस हिसाब से काम करे…
एक लाइन है जो बहुत ही फैमस है ओर सभी लोग बोलते भी है और उसका पालन कोई नहीं करता है….वो है कभी भी किसी की लाइन को छोटी करने का प्रयास मत करो खुद की लाइन बड़ी बना लो वो अपने आप छोटा हो जाएगा….
और हर काम अपने आप में बहुत ही ज्यादा महत्वपुर्ण होता है….असल में लोग कुछ प्रोफेशन के अलावा दुसरे प्रोफेशन को नहीं जान पाते है….बाकी दुसरे भी कई ऐसे काम होते है जिसके सामने एक डॉक्टर कि कोई औकात नहीं है…वो भी उनके सामने झुकता है…साथ ही वे ये नहीं देखते कि वो जो फीस वसुल रहा है उसमें उसकी कितनी काबिलियत है ओर उसने कितनी मेहनत की है उसे पाने में….और ये सवाल जरूर अपने ज़हन में रखे की क्या आपका बच्चा उसके लिए काबिल है या नहीं…
दोस्तों मेरी इतनी सारी बातों को कहने का मकसद यहीं है कि कैसे भी करके खुद को तवज्जो दे….खुद को कभी भी दुसरों से कमपेयर करने की कोशिश ना करे…ना हीं दुसरों की सक्सेज से दुखी रहे…जो सक्सेस हो रहे हो उन्हे और ज्यादा मोटिवेट करे….साथ ही खुद से अपनी योग्यता जाने ओर उस हिसाब से काम करे…
एक लाइन है जो बहुत ही फैमस है ओर सभी लोग बोलते भी है और उसका पालन कोई नहीं करता है….वो है कभी भी किसी की लाइन को छोटी करने का प्रयास मत करो खुद की लाइन बड़ी बना लो वो अपने आप छोटा हो जाएगा….
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